गेंहू का भुगतान न होने से आढतियों व किसानों में भारी रोष

रादौर। शहर की अनाजमंडी में अभी भी जाम की स्थिति बनी हुई है। सोमवार को मंडी में डेढ लाख से अधिक गेहूं के कटटे फड पर पडे हुए थे। हालाकि मंडी में सोमवार को गेहूं की आवक में कमी आई है। मंडी में लेबर की कमी से फड पर गेहूं के कटटों के ऊंचे ऊंचे चटटे लग गए है। वहीं आढतियों का कहना है कि अब गेहूं का सीजन ढलान की ओर चल पडा है। अब मंडी में गेहूं की आवक कम होगी। वहीं बिहार में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके है। उन्हें उम्मीद है कि अगले दो, तीन दिन में बिहार से मजदूर हरियाणा की ओर पलायन करेंगे। मजदूरों के मंडी में पहुंचने के बाद गेहूं के उठान की समस्या खत्म हो जाएगी। उधर अनाजमंडी एसोसिएशन के पुर्व प्रधान राजेश कांबोज व प्रवीण कांबोज जयपुर ने बताया कि सरकार ने आढतियों का आश्वासन दिया था कि उनकी गेहूं का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक खरीद एजैसियों ने 17 अप्रैल तक का भुगतान किया है। जबकि अब तक 26 अप्रैल तक का भुगतान होना चाहिए था। भुगतान न होने से आढतियों व किसानों में भारी रोष है। सरकार अपने वायदे के अनुसार उनका 72 घंटे में भुगतान करे। अन्यथा मंडी के आढती सरकार के विरूद्ध आंदोलन करने के लिए मजबुर हो जाएंगे। जिसके लिए सरकार व प्रशासन के अधिकारी जिम्मेवार होंगे। भुगतान न होने से मंडी में आढतियों को दिक्कत का सामना करना पड रहा है। जिससे किसान व आढती दोनों परेशान है। सरकार व प्रशासन के अधिकारी भुगतान क ो लेकर गंभीर नहीं है। जिसका खामियाजा आढती व किसान दोनो भुगत रहे है। उधर मार्कीट कमेटी रादौर के सचिव श्यामसिंह भूतमाजरा ने बताया कि मंडी में उठान की समस्या एक दो दिन में खत्म हो जाएगी। मंडी में रास्तों पर पडे गेहूं के कटटों को उठवा दिया गया है। अब मंडी में वाहनों के आने जाने को लेकर कोई जाम नहीं है। आढतियों द्वारा अतिरिक्त लेबर का इंतजाम किया गया है। जिससे मंडी में उठान को लेकर तेजी आई है।

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