Bilaspur Hulchul. जिला यमुनानगर के बिलासपुर स्थित कपालमोचन में वेद व्यास ऋषिकुल पोस्ट ग्रैजुऐट संस्कृत कालेज, भगवान परशुराम ब्राह्रण धर्मशाला में अर्तराष्ट्रीय गीता जयंती के अंग के रूप में आयोजन हवन यज्ञ के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संत बलवंत सिंह गुर्जर संस्कृत कालेज के प्राचार्य तथा उक्त कालेज के संस्थापक निदेशक प्रो. डा. अरूणेश्वर झा के दिशा निर्देश में अतिथियों द्धारा दीप प्रज्जवलित कर तथा माता सरस्वती, भगवान परशुराम, भगवान वेद व्यास, भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।
मुख्य अतिथि मंसुरपुर के पूर्व सरपंच तथा अखिल भारतीय ब्राह्राण महासभा के जिला यमुनानगर के प्रधान सोमदत्त शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि डा. मामचंद, रामकुमार एवं डा. सुभाष मोदगिल रहें। मंड़ी हिमाचल प्रदेश से पधारे मुख्य कार्यकारी अभियंता विजय सिंह ठाकुर पूर्व सेना अधिकारी रणजीत सिंह ठाकुर वशिष्ठ अतिथि रहें। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ वैद्यराज डा. प्रेमचंद मोदगिल ने की। कार्यक्रम में कालेज के विद्यार्थियों सहित गणमान्यों ने गीता पाठ किया। उसके बाद ज्ञान सत्र में मुख्य वक्ता डा. झा ने कहा कि मूल गीता को समझने के लिए लोगों को गीता की मूल भाषा संस्कृत में अपनी समझ बढ़ानी होगी, संस्कृत मे समझ बढ़ाने का हरियाणा में मात्र कुछ ही संस्कृत कालेज शेष बचे है जहां संस्कृत माध्यम से ही शास्त्रों का मौलिक अध्ययन करवाया जाता है। हरियाणा का कपालमोचन में यह एक मात्र पोस्ट ग्रैजुऐट संस्थान है।
जहां गीता आदि सभी शास्त्रों का संस्कृत में ही पठन पाठन होता है। मुख्य अतिथि ने कहा कि यह संस्कृत कालेज भारतीय शिक्षा पद्धति की एक मात्र मिशाल है। जहां ब्रहचारीगण तपोवन वातावरण में शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करते है। उन्होंने कहा कि गीता की यह रचना स्थली है। सरकार यहां पर गीता का उच्च अध्ययन केंद्र स्थापित करें। अध्यक्षीय भाषण में डा. सुभाष ने कहा कि दो किलोमीटर दक्षिण में व्यासपुरम बिलासपुर है जबकि व्यास जी की माता का जन्म स्थान यहां से तीन किलोमीटर पस्चिम मत्श्योदरी पूरम मछरौली है। यह सरस्वती का हृदय क्षेत्र है। श्रीकांत शर्मा ने आगंतुकों का धन्यवाद किया।