Home जिले के समाचार लालछप्पर, संधाला, बागवाली, जठलाना के खेतों में बाढ़ का पानी, धान व गन्ने की फसल पानी में डूबी

लालछप्पर, संधाला, बागवाली, जठलाना के खेतों में बाढ़ का पानी, धान व गन्ने की फसल पानी में डूबी

0
लालछप्पर, संधाला, बागवाली, जठलाना के खेतों में बाढ़ का पानी, धान व गन्ने की फसल पानी में डूबी
उफान पर बहती यमुनानदी।

यमुनानगर (रादौर)। भारी बारिश के बाद ताजेवाला डैम से छोडे गए लगभग साढे पांच लाख क्यूसिक पानी से यमुनानदी में भयंकर बाढ आ गई हेै। बाढ का पानी शनिवार की शाम 5 बजे तक गांव लालछप्पर, संधाला, बागवाली, जठलाना, गुमथला के पास लगते खेतों में घुस गया था। यमुना का पानी खेतों में घुसने से लगभग 150 से अधिक एकड में  खडी धान व गन्ने की फसल पानी में डुब चुकी थी। यमना का जल स्तर लगातार बढने के कारण बाढ प्रभावित गांव के लोगों के दिलों की धडकने भी तेज होती जा रही है।

रादौर के गांव गुमथला में बाढ राहत कार्यों का जायजा लेती एसडीएम डॉ पूजा भारती।
रादौर के गांव गुमथला में बाढ राहत कार्यों का जायजा लेती एसडीएम डॉ पूजा भारती।

यमुना में साढे पांच लाख क्यूसिक पानी छोडे जाने को लेकर स्थानीय विधायक श्यामसिंह राणा, एसडीएम डॉ पूजा भारती, तहसीलदार नवनीत कुमार, बीडीपीओ दीनानाथशर्मा, कानूनगो सतीश गोयल व अन्य कर्मचारियों ने गांव गुमथला, जठलाना, लालछप्पर, संधाला, संधाली, बागवाली आदि गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन के अधिकारियों ने प्रभावित गांव के ग्रामीणों से अपील की कि वे यमुनानदी की ओर न जाए। रात के समय गांव में पैहरा देकर यमुना नदी की स्थिति पर कडी नजर रखे।

बाढ राहत कार्यों का जायजा लेती एसडीएम डॉ पूजा भारती।
बाढ राहत कार्यों का जायजा लेती एसडीएम डॉ पूजा भारती।

उधर लगातार तीसरे दिन भी यमुनानदी पार उत्तरप्रदेश सीमा पर बसा पौबारी गांव जिला मुख्यालय से कटा रहा। लगभग 500 से अधिक जनसंख्या वाले गांव पौबारी में शनिवार की शाम को यमुनानदी का पानी घुस गया। गांव में पानी घ्ुासने के बाद गांव के लोग मस्जिद की छत पर चढ गए। गांव पौबारी से मोबाईल पर ग्रामीण मौहम्मद, खुजा, कलीम, मुदाखान, नसीम, शहजाद, अरशद, जाहिद हसन,मोमिन, राशिद आदि ने बताया कि शनिवार की देर शाम यमुना का पानी पुरे गांव में घुस गया है। गांव में सभी मकान कच्चे है। केवल गांव की मस्जिद व स्कूल पक्का बना हुआ है। बाढ के पानी से बचने के लिए गांव के लोग स्कूल व मस्जिद की छत पर चढकर बैठे हुए है। तीन दिन से यमुना में बाढ आई हुई है।

yamunanagar hulchul radaur yamuna river flood 16 बरसात के कारण गिरी सरकारी स्कूल एमटी करहेडा की दीवार।
बरसात के कारण गिरी सरकारी स्कूल एमटी करहेडा की दीवार।

गांव में खाने पीने का सामान नहीं के बराबर है। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों द्वारा आज तक उनकी कोई सूध नहीं ली गई। सैकडों की संख्या में गांव के लोग प्रशासन से उनके पास मदद भेजे जाने की उम्मीद लगाए बैठे हेै। लेकिन सरकार व प्रशासन का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी उत्तरप्रदेश के रास्ते गांव में नहीं पहुंचा। उधर विधायक श्यामसिंह राणा ने बताया कि सरकार की ओर से बाढ राहत को लेकर कडे प्रबंध किए गए है। सरकार व प्रशासन के अधिकारी गांव पौबारी के लोगों से संपर्क करके उनके पास मदद भिजवाएंगेे। इस बारे वह प्रशासन के अधिकारियों  से बात करेंगे। उधर यमुनानदी में पानी छोडे जाने के बाद प्रशासन ने बाढ प्रभावित गांव के स्कूलों में शनिवार को बच्चों की जल्दी छुटटी करवा दी। ताकि स्कूल के बच्चे बाढ आने पर इसका शिकार न हो पाए।

yamunanagar hulchul radaur yamuna river flood 15 आर्य समाज मंदिर गुमथला की बरसात के दौरान गिरी दीवार।
आर्य समाज मंदिर गुमथला की बरसात के दौरान गिरी दीवार।

तीन दिन की बारिश के बाद शनिवार की दोपहर को खुला मौसम – रादौर क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश शनिवार को दोपहर लगभग 12 बजे बंद हुई। तीन दिन की बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे है। बारिश ेसे जहां फसलों क ो भारी लाभ मिला है, वहीं बारिश से भुमि जल स्तर में भी अच्छी वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है। बारिश के कारण गांव एमटी करहेडा में सरकारी स्कूल की सडक के साथ लगती दीवार शनिवार को ढह गई। सौभाग्य से जब दीवार गिरी तो आसपास कोई स्कूली बच्चा या ग्रामीण नहीं था। इसके अलावा गांव गुमथला में आर्य समाज मंदिर की एक पुरानी ईमारत की दीवार भी बारिश के दौरान गली में ढह गई। बरसात के कारण गली में कोई नहीं था। अन्यथा कोई भी दीवार गिरने पर इसकी चपेट में आ सकता था। जबकि बारिश के कारण शमशान घाट रादौर  की एक दीवार भी ढह गई। तीन दिन क ी बारिश से रादौर शहर के मेन बाजार भारी मंदे की चपेट में आ गया है। बारिश के कारण दुकानदारी फिकी रहने से दुकानदारों के चेहरे मुरझाए रहे। शनिवार को बारिश बंद होन के बाद दुकानों पर ग्राहक नजर आए। दुकानदार रामकुमार, सतीश, अमित, धर्मपाल आदि ने बताया कि तीन दिन की बारिश से उनका धंधा चौपट हो गया है। अब मौसम साफ होने पर ग्राहक बाजार में नजर आए है।