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बैंकों की बार-बार हडताल होना देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा

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बैंकों की बार-बार हडताल होना देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा
 यमुनानगर।  2019  मंगलवार को उद्योग व्यापार मण्डल हरियाणा की एक प्रेस विज्ञप्ति प्रदेश कार्यालय यमुनानगर से जारी करते हुए समाजसेवी व अध्यक्ष महेंद्र मित्तल ने पिछले कुछ समय में कई बार बैंकों की हड़ताल पर चिंता जताई। महेन्द्र मित्तल ने कहा कि बैंकों की हड़ताल से अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। व्यापारियों के लेनदेन बिगड़ रहे हैं। आम लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।  मित्तल ने इन हडतालों को राजनीति से प्रेरित बताया। हडताल को भारत की अर्थव्यवस्था व व्यापारी वर्ग के व्यापार के लिए गहरी चोट बताया। मित्तल ने कहा कि साल में दो सों से ढाई सौ दिन कार्य करने वाले अधिकारी पर सरकार का शिकंजा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को व्यापारी, किसान व आम आदमी से बैंक खुले जाने वाले दिनों का ही ब्याज लेना चाहिए। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को भेदभाव की नीति नहीं करनी चाहिए। राष्ट्र के सभी नागरिकों पर समान आचार संहिता लगाकर एक जैसे कानून होने चाहिए। अन्नदाता किसान, स्वयं करने वाला मजदूर व भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी व्यापारियों के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा की बैंको की शनिवार की छुट्टी का हर्जाना व्यापारी वर्ग को मिले। और शनिवार व रविवार को भी बाजारों की तर्ज पर बैंक खुले रखे जाएं। बैंक का बार-बार बंद होना बात की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट है। बैंकों की अधिकतर छुट्टियां व बार-बार हड़ताल के कारण महंगाई बढ़ गई है। सरकार इस बारे में बिना भेदभाव के विचार कर निर्णय ले और ऐसे निर्णय ले जिससे राष्ट्र का विकास हो। बार बार की हड़ताल, राष्ट्र के विकास में बाधक है।
संजय मित्तल
92159 99502
समाजसेवी व कार्यकारी अध्यक्ष
उद्योग व्यापार मंडल हरियाणा ®Uvmh
कन्फैडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स CAIT