Home धर्म | समाज सीनिया सिटीजन सोशल वैफेयर एसोसिएशन में बुजुर्गों ने मनाया लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व

सीनिया सिटीजन सोशल वैफेयर एसोसिएशन में बुजुर्गों ने मनाया लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व

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सीनिया सिटीजन सोशल वैफेयर एसोसिएशन में बुजुर्गों ने मनाया लोहड़ी व मकर सक्रांति का पर्व

यमुनानगर। सीनिया सिटीजन सोशल वैफेयर एसोसिएशन के सौजन्य से शास्त्री कालोनी क यूनिटी सैन्टर के सभागार में लोहड़ी व मकर संक्राति के उपल्क्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जी. एस. राय ने की तथा संचालन हरीश कुमार ने किया। मुख्‍यतिथि के रूप में सतपाल कोछड़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सुरेन्द्र सूरी ने भजन गाकर किया। राजकुमार ने लोहड़ी पर्व का महत्व बताते हुये कहा कि लोहड़ी का त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन को पौषमाह का अंत और माघ के महीने की शुरुआत मानी जाती है। लोहड़ी का त्यौहार एक-दूसरे से मिलने-मिलाने और खुशियां बांटने का त्यौहार है। लोहड़ी शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है ल से लकड़ी, ओह से गोहा यानि जलते हुए उपले व ड़ी से रेवड़ी। उन्होंने बताया कि लोहड़ी को देश भर में विभिन्न नामों से जाना जाता है लाल लाही, लोहिता व खिचड़वार नाम से भी जाना जाता है। सिन्धी समाज इसे लाल लाही पर्व के रूप में मनाता है। मुख्‍य अतिथि ने कहा कि लोहड़ी का त्यौहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है। किसान अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में लोहड़ी मनाते हैं। लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है। लोहड़ी के दिन अग्नि व महादेवी के पूजन से दुर्भाग्य दूर होता है, पारिवारिक क्लेश समाप्त होता है तथा सौभाग्य प्राप्त होता है। आर. के. उप्पल ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रान्ति के रुप में जाना जाता है। उत्तर भारत में यह पर्व मकर सक्रान्ति के नाम से और गुजरात में उत्तरायण नाम से जाना जाता है। मकर संक्रान्ति को पंजाब में लोहड़ी पर्व, उतराखंड में उत्तरायणी, गुजरात में उत्तरायण, केरल में पोंगल, गढवाल में खिचड़ी संक्रान्ति के नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति के शुभ समय पर हरिद्वार, काशी आदि तीर्थों पर स्नान आदि का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना भी की जाती है। बेयंत भाटिया, शिवपुरान ने सुन्दर गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर दीपक कुमार, एच. सी. शर्मा, संजीव ओबराय, ओम प्रकाश, आर. एन. बिन्द्रा, राज कुमार गौर, आर. के. कालड़ा, गजेन्द्र सिंह, अमृत लाल गुलाटी, रमेश गोयल आदि उपस्थित रहे।