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ब्रिटेन ने भारत समेत 10 देशों को मिलाकर 5G क्लब की योजना बनाई, चीनी कंपनी हुवावे को बताया ‘हाई रिस्क सेलर’

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ब्रिटेन ने भारत समेत 10 देशों को मिलाकर 5G क्लब की योजना बनाई, चीनी कंपनी हुवावे को बताया ‘हाई रिस्क सेलर’
  • ‘डी-10’ क्लब में ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, जर्मनी, फ्रांस, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत शामिल होंगे
  • इस क्लब का लक्ष्य 5जी उपकरणों के लिए वैकल्पिक आपूर्ति व्यवस्था तैयार करना और चीन पर निर्भरता कम करना है

नई दिल्ली. ब्रिटेन की सरकार ने भारत समेत 10 लोकतांत्रिक देशों का 5जी क्लब बनाने के लिए अमेरिका से संपर्क किया है। ब्रिटेन के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनी हुवावे से जुड़ी दिक्कतों के मद्देनजर ये फैसला लिया जा रहा है।

स्थानीय अखबार ‘द टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, लोकतांत्रिक देशों के इस ‘डी-10’ क्लब में जी7 देशों ‘ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, जर्मनी, फ्रांस, जापान और कनाडा’ के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत शामिल होंगे। इस समूह का लक्ष्य 5जी उपकरणों के लिए वैकल्पिक आपूर्ति व्यवस्था तैयार करना और चीन पर निर्भरता कम करना है।

‘नए भागीदारों की आवश्यकता’
अखबार ने ब्रिटेन की सरकार के एक सूत्र के हवाले से लिखा, “हमें बाजार में नए भागीदारों की आवश्यकता है। यही कारण है कि हमने हुवावे के साथ आगे बढ़ने के निर्णय को रोक दिया।”

यह कदम इस लिहाज से प्रासंगिक हो जाता है कि ब्रिटेन ने हुवावे पर अमेरिका के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर कंपनी के खिलाफ नई जांच की शुरुआत की है।

यूरोप में 5G उपकरण बनाने वाली दो कंपनी
यूरोप की कंपनियों में सिर्फ नोकिया और एरिक्सन ही हैं, जो 5जी से संबंधित उपकरणों की आपूर्ति करती हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ये दोनों कंपनियां हुवावे की तरह 5जी उपकरणों की जल्दी आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं। हालांकि ब्रिटेन ने हुवावे को ‘उच्च-जोखिम वाला’ विक्रेता करार दिया है।

ब्रिटेन के सुरक्षा अधिकारियों को डर है कि इस प्रतिबंध के बाद चीन वैरिफाईड अमेरिकी उपकरणों के बजाय सस्ते और कम सुरक्षित उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा।

5G टेक्नोलॉजी को बढ़ाने HCL का नया कदम
दूसरी तरफ, नोएडा स्थित एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL) ने शुक्रवार को कहा कि वह सिस्को के सेल्फ-ऑप्टिमाइजिंग नेटवर्क (SON) तकनीक का अधिग्रहण करेगी, जो लगभग 50 मिलियन डॉलर नकद में होगा।

इस बारे में कंपनी ने बताया कि इस अधिग्रहण में सिस्को की सोन तकनीक पर बेस्ड उपकरण और सर्विसेज का समावेश है, जो एचसीएल को सोन की बहु-प्रौद्योगिकी और दूरसंचार उद्योग में अपने ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। इस कदम से एचसीएल का दूरसंचार प्रसार भी बढ़ेगा, क्योंकि सोन 5 जी नेटवर्क की ओर कदम बढ़ाने में एक प्रमुख घटक बन गया है।