धोखा

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धोखा
CPHH : Jeeven Joshi.

झूठ के बाजार में तू सच ढूंढने चला था,

पहले भी जानता था कि वो क्या बला था।

उसको कैसे गलत ठहराएगा ए जीवन,

उसने तो इशारा किया तू ही दौड़ चला था।

जो अपने संगी-साथियों का न हुआ आज तक,

नहीं जानता था तू कि वो क्या जलजला था

अब भी शुक्र मना तू उसकी शराफत का

वक्त सही था, तुझे नाज था अपनी कला का

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जीवन जोशी, अम्बाला. 9466719017