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Yamunanagar : बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट पर बुजुर्ग, पड़ौसी भी हालचाल जान निभा सकते हैं अहम भूमिका

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Yamunanagar : बदमाशों के सॉफ्ट टारगेट पर बुजुर्ग, पड़ौसी भी हालचाल जान निभा सकते हैं अहम भूमिका

Yamunanagar (Ravinder Punj) : बुजुर्गों के अकेलेपन, भोलेपन और शारीरिक कमजोरी का फायदा उठाकर बदमाश वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। बुजुर्गों के साथ हाल ही में घटी 2 आपराधिक घटनाओं से साफ है कि बदमाश के सॉफ्ट टारगेट हैं। सवा माह पहले अनाज मंडी जगाधरी में बुजुर्ग दंपति की हत्या और सोमवार की रात घर में घुसकर रिटायर्ड बैंक अधिकारी के साथ ब्लैक मेलिंग की घटना हो चुकी है।

बुधवार दोपहर हुडा थाना एरिया में 65 वर्षीय वृद्धा के साथ स्नैचिंग हुई। ऐसे बुजुर्गों की भी संख्या कम नहीं हैं जिनके बच्चे विदेश में सैटल हैं। बता दें सरकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला में करीब सवा लाख से उपर बुजुर्गों को पेंशन मिलती है। अब इनमें से कितने अकेले रहते हैं यह तो किसी सर्वे से ही पता किया जा सकता है। समाजसेवियों की मांग है कि बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए निश्चिित तौर पर प्राथमिकता से काम हो।

छीने गए पर्स में थी घर की चाबियां
जैन नगर जगाधरी के सामने रहने वाली 65 वर्षीय बुजुर्ग उर्मिला के साथ स्नैचिंग हो गई। कहना गलत नहीं होगा कि बुजुर्ग अपराधियों के निशाने पर हैं। बुजुर्ग महिला ने पुलिस को बताया कि वह घर पर अकेली रहती है और दोपहर करीब 2 बजे वह घर की तरफ जा रही थी। इस दौरान बाइक पर अज्ञात लोग आए और उससे पर्स छीन ले गए। पर्स में सैमसंग कंपनी का मोबाइल, आधार कार्ड, घर की चाबियां और 4000 नकद थे। चाबी न होने की वजह से उसे घर के ताले खोलने में बड़ी दिक्कत हुई। हेड कांस्टेबल इम्तियाज अली ने बताया कि दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एरिया की सी.सी.टी.वी. फुटेज भी जांची जा रही है।

4 वजहों से हैं बुजुर्ग बनते हैं सॉफ्ट टारगेट
1. दिमागी कमजोरी : वृद्धावस्था में दिमागी क्षमता, होशियारी कम हो जाती है। वजह है सेरिब्रल एट्रोपी लेवल कम होना यानि मस्तिष्क का सिकुडऩा।
2. दयाभाव : वृद्धावस्था में असुरक्षा की भावना होती है। कोई सहानुभूति दिखाता है तो वृद्ध उस पर विश्वास कर लेते हैं। वे इस उम्र में दयाभाव से भरे होते हैं।
3. अकेलेपन का फायदा : परिवार के सदस्य बुजुर्गों की तरफ ध्यान नहीं देते। इस कारण कई बार वे अकेले ही बाजार व मंदिर आते-जाते हैं। घर में भी उन्हें अकेले ही रहना पड़ता है।
4. शारीरिक क्षमता में कमी : वृद्धावस्था में शारीरिक क्षमता कम जो जाती है। शारीरिक रूप से कमजोर होने की वजह से बुजुर्गों को आसानी से बदमाश टारगेट बना लेते हैं।

क्या करें क्या न करें
युवा अपने बुजुर्गों को अकेला न छोड़ें। बुजुर्ग यदि अकेले रह रहे हैं तो उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें। बुजुर्गों को कहीं भी अकेला न जाने दें, उनकी देखभाल करें। उन्हें बाहर के लोगों से बचने, व प्रलोभन में न फंसने के बारे में बताएं। इन चीजों से बचने के लिए बुजुर्ग किसी भी अंजान व्यक्ति से परिचय न बढ़ाएं। किसी भी तरह के प्रलोभन में न फंसें। अकेले जाने और अकेले रहने से बचें।

  • आने वाली पीढ़ी को यह संस्कार दिए जाएं कि वे मर्यादा को न लांघे। बुजुर्गों को कभी भी अपने से अलग न करें। इसके साथ-साथ अकेले बुजुर्ग या बुजुर्ग दंपत्ति के पड़ौसी नित्तनेम यह नियम बनाएं कि रात के समय और दिन में एक बार उनका हालचाल जानें। इस तरह से बुजुर्ग सुरक्षित रह सकते हैं। – निधि जैन, समाज सेविका।

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