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Yamunanagar : पैरोल से फरार हुआ 8 लोगों का हत्यारा, एस.टी.एफ. ने किया गिरफ्तार

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Yamunanagar : पैरोल से फरार हुआ 8 लोगों का हत्यारा, एस.टी.एफ. ने किया गिरफ्तार
एस.टी.एफ. द्वारा पकड़ा गया आरोपी संजीव।

Yamunanagar Hulchul : The killer of 8 people who escaped from parole, STF Arrested.

  • वर्ष 2018 में जेल से गया था पैरोल पर, नहीं लौटा अब एस.टी.एफ. ने काबू किया मेरठ से

  • फर्जी कागजात तैयार कर बनवाया था स्थानीय जिले के चगनौली का पता, इस मामले में भी 5 हुए थे गिरफ्तार

यमुनानगर हलचल। स्पैशल टास्क फोर्स ने 1 लाख के इनामी मोस्ट वांटेड एवं पूर्व विधायक रेलू राम पुनिया सहित 8 लोगों की हत्यारोपी को मेरठ नेशनल हाईवे यू.वी. हाईवे के सामने से गिरफ्तार किया। आरोपी कुरुक्षेत्र जेल से पैरोल पर जाने के बाद वापिस नहीं लौटा था। करीब 3 साल बाद अब एस.टी.एफ ने गिरफ्तार किया है। आगामी कार्रवाई के लिए टीम ने आरोपी को सी.आई.ए. 2 कम एस.डी.यू. यमुनानगर को सौंप दिया है।

अब यह स्टॉफ मंगलवार को आरोपी को कोर्ट में पेश करेगा। एस.टी.एफ. के इंस्पेक्टर निर्मल सिंह व सब इंस्पेक्टर राम कुमार ने बताया कि लंबे समय से आरोपी की तलाश थी। एस.पी. गंगाराम पुनिया व डी.एस.पी. कुलभूषण इस मामले को गंभीरता से देख रहे थे। अब आरोपी को मेरठ से काबू किया।

जांच में सामने आया कि आरोपी अधिकतर समय गुजरात में रहा है। इन 3 साल की अवधि में उसने कई राज्यों में शरण ली। इतना ही नहीं वेश भी बदले। पकडऩे वाली टीम में हैड कांस्टेबल रामकरण, दिनेश कुमार, संदीप कुमार व कांस्टेबल रणदीप सिंह भी मौजूद रहे।

की थी 8 लोगों की हत्या :

वर्ष 1997 में आरोपी संजीव लखनऊ की स्पोर्ट मीट में हिस्सा लेने गया था। वहां उसकी मुलाकात सोनिया पुनिया व उसकी माता कृष्णा पुनिया से हुई। सोनिया भी इसी मीट में हिस्सा लेने आई थी। जान पहचान के बाद 29 सितंबर 1998 में संजीव व सोनिया की पारिवारिक शादी हो गई। उस समय सोनिया के पिता रेलू राम पुनिया बरवाला से एम.एल.ए. रहे थे।

पारिवारिक विवाद व अन्य कारणों के कारण आरोपी संजीव ने पत्नी के साथ मिलकर 23 व 24 अगस्त 2001 की रात ससुर रेलू राम पुनिया व उसकी दूसरी पत्नी कृष्णा पुनिया, साला सुनील व 5 अन्य व्यक्तियों की बरवाला हिसार के रिहायशी मकान में घुसकर हत्या कर दी थी। जिस पर थाना उकलाना में हत्या के आरोप में मुकद्दमा संख्या 152 दर्ज किया गया।

वर्ष 2001 में आरोपी, उसकी पत्नी, उसके माता पिता, भाई, 2 मामा, मामा का लडक़ा व 2 चाचा गिरफ्तार हो गए। 31 मई 2004 को हिसार की अदालत ने दंपत्ति को फांसी की सजा सुना दी और अन्य को बरी कर दिया। इसके बाद वे दोनों हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गए। यहां से सुप्रीम कोर्ट ने रिवीजन पर सुनवाई करते हुए दंपत्ति की सजा को उम्र कैद में तबदील कर दिया।

अलग-अलग जेल में बिताया था समय :

एस.टी.एफ. व एस.डी.यू. की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी व उसकी पत्नी ने जिला कारागार अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, झज्जर, रोहतक व फरीदाबाद में अपनी सजा का समय व्यतीत किया। आरोपी संजीव जब अंबाला जेल में था। तब उसने कैदियों के साथ मिलकर वर्ष 2008 में जेल में सुरंग बनाने का प्रयास किया था। मामला संज्ञान में आया और बलदेव नगर थाना को शिकायत दी गई। तब उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

फर्जी कागजात के सहारे गया था पैरोल पर :

जांच टीम ने बताया कि आरोपी कुरुक्षेत्र जेल में बंद था तब उसने यमुनानगर के गांव चंगनौली का फर्जी पता देकर पैरोल ली। पैरोल के बाद वह वापिस जेल नहीं आया। हालांकि जब वह पैरोल से नहीं आया तब शिकायत पर उसके खिलाफ बिलासपुर थाना में मुकद्दमा नंबर 116 दर्ज किया गया। इस मुकद्दमें में भी पुलिस ने शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी ने अब जांच टीम को कि पैरोल से फरार होने से अब तक 3 साल की अवधि मे उसका अधिक समय आश्रम, तीर्थस्थान व मंदिरों में बीता। इन दिनों वह मेरठ यू.पी. में था।

आरोपी संजीव पर 22 जनवरी 2020 को डी.जी.पी. हरियाणा ने 1 लाख का इनाम घोषित करते हुए मोस्ट वांटेड का इनाम घोषित किया था। मेरठ से आरोपी संजीव को गिरफ्तार कर आगामी जांच के लिए स्थानीय सी.आई.ए. 2 कम एस.डी.यू. को सौंप दिया है। अगली कार्रवाई यह यूनिट करेगी।
– राम कुमार, एस.टी.एफ. अंबाला।

एस.टी.एफ. ने आरोपी संजीव को उनके स्टॉफ के हवाले कर दिया है। पूछताछ जारी है। मंगलवार को उसे कोर्ट पेश किया जाएगा।
– मेहरूफ अली, इंचार्ज, एस.डी.यू.।

 

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