Home Yamunanagar Yamunanagar : रास के बिना लीला अधूरी और लीला के बिना रास : जय प्रिय

Yamunanagar : रास के बिना लीला अधूरी और लीला के बिना रास : जय प्रिय

0
Yamunanagar : रास के बिना लीला अधूरी और लीला के बिना रास : जय प्रिय
Yamunanagar : रास लीला में उपस्थित मुख्यातिथि।

Yamunanagar Hulchul : Ras Leela held at Bhagwan Parshuram Samudayik Kendra, Yamunanagar.

  • रास लीला में हुआ चित्रा सखी के प्रसंग का सजीव मंचन

Yamunanagar, 6 April. गांव गोबिंदपुरी के भगवान परशुराम सामुदायिक केंद्र में चल रही भगवान श्री कृष्ण रास लीला उत्सव में तीसरे दिन चित्रा सखी प्रसंग का सजीव मंचन किया गया। लीला से पूर्व रास का आयोजन हुआ और मयूर नृत्य ने सभी का मन मोह लिया।

इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, उनकी धर्मपत्नी, ई.टी.ओ. प्रीति चौधरी, ई.टी.ओ. अरवीर चौहान, भगवान सेवा मंच के राकेश त्यागी, परिक्षित त्यागी, मनोज त्यागी, अजय त्यागी, मोनू त्यागी, मनोज गर्ग, मायाराम शर्मा आदि ने माल्यार्पण कर लीला का शुभारंभ किया।

चित्रा सखी लीला में दिखाया गया कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण अपने मित्र श्री दामा के लिए अपना एक चित्र बनवाने की जिद माता यशोदा से करते हैं। वे कहते हैं कि उनका मित्र उन्हें देखे बिना नहीं रह सकता। इसलिए उन्हें एक चित्र बनवाकर भेंट करना है।

माता यशोदा चित्र बनाने के लिए चित्रा सखी से संपर्क करती हैं। चित्रा सखी जैसे ही भगवान कृष्ण को देखती है तो उसकी समाधि लग जाती है और वह भगवान का चित्र नहीं बना सकी। इस पर उन्होंने श्री राधा जी से इसकी अनुमति ली तब कहीं जाकर वह भगवान श्री कृष्ण का चित्र बना सकी।

सुंदर चित्र को देखकर माता यशोदा ने खुश होकर चित्रा सखी से कुछ मांगने को कहा। पहले तो चित्रा सखी ने मना किया लेकिन बाद में माता यशोदा के वचन देने पर चित्रा सखी ने भगवान श्री कृष्ण को ही उनसे मांग लिया। जैसे ही उन्होंने भगवान कृष्ण को मांगा तो माता यशोदा यह सुनकर बेहोश हो गई और उन्होंने कहा कि चाहे उनकी जान ले लो लेकिन उनसे लल्ला को नहीं दे सकती।

किसी तरह भगवान श्री कृष्ण ने ही चित्रा सखी को कहा कि उनके साथ ही रहेंगे लेकिन वे माता से उन्हें मांगने की बात को नकार दें ताकि उनकी माता प्रसन्न हों और वे एक रूप से उनके साथ ही रहेंगे। इस पर यशोदा माता से चित्रा से ऐसा ही कहा। तब माता की जान में जान आई और भगवान श्री कृष्ण ने वह चित्र अपने मित्र श्री दामा को दिया।

वृंदावन से आए रास मंडली के श्री जय प्रिय शरणदास जी ने कहा कि रास के बिना लीला अधूरी है और लीला के बिना रास। जोभी व्यक्ति लीला देखने आता है वह रास का भी आनंद उठाए। इस दौरान गाए गए भजनों का भी श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया। कार्यक्रम के दौरान कोरोनाकाल को देखते हुए यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क वितरित कर सैनीटाईज किया गया।

.

Other Social Handles of Yamunanagar Hulchul: Pinterest | Youtube | Facebook | FB Group | Instagram | Twitter | Website | Blog