Home मनोरंजन हलचल Important Days (महत्वपूर्ण दिवस) Yamunanagar : ऊपर रब नीचे मां, अपना ही रूप दिया अपनी ही परछाई,  तब जाकर ऊपर वाले ने ममतामयी मां बनाई  

Yamunanagar : ऊपर रब नीचे मां, अपना ही रूप दिया अपनी ही परछाई,  तब जाकर ऊपर वाले ने ममतामयी मां बनाई  

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Yamunanagar : ऊपर रब नीचे मां, अपना ही रूप दिया अपनी ही परछाई,  तब जाकर ऊपर वाले ने ममतामयी मां बनाई  

Yamunanagar Hulchul : समय कितना भी खराब क्यों न हो आपकी मां आपकी रक्षा के लिए वहां जरूर खड़ी रहेंगी। जीवन में मां साथ है तो सब कुछ  मुमकिन है। मां तो मां होती है। मां की हर बात में कोई न कोई सीख छुपी होती है। वही सीख जीवन में ऊंचाइयों पर ले जाती है। मदर्स डे के मौके पर समाज को प्रेरणा दे रही महिलाओं ने बताया कि बचपन मे मां की समझाई बात आज उनके और परिवार के काम आ रही है।

मां बिन सब जग सूना मां जैसा न कोई। क्योंकि मां तो मां होती है । जब आप संकट में होते है या कभी कभी हलकी फुलकी चोट लग जाती है तो ईश्वर से पहले मां का नाम ही जुबान पर आता है। मां ममता की छांव होती है। मां पर कई गीत भी बने हैं। वो भी इन्होनें सांझा किए। तू कितनी अच्छी है तू कितनी प्यारी है ओ मां। मां ही जीवन की पहली गुरु और डॉक्टर है।

बेशक मां दुनिया में नहीं हैं पर उनकी बात आज भी याद है। उनकी बात आज भी मेरा मार्गदर्शन करती हैं और आगे मैं अपने बच्चों का करती हूं । उन्होंने कहा था कि जरूरतमंद की मदद करो, लोगों के काम आओ। यह समय भी ऐसा है। जब एक दूसरे की मदद के बिना हम इस लड़ाई से पार नहीं हो सकते। हमें जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए। यही बात बेटे को हॉस्टल जाते समय समझाई। उसे बताया कि आप बाहर जा रहे हैं बाहर जाकर शांत तरीके से रहना है। जरूरतमंद की मदद करनी है। मां की यह बात हमेशा याद रहेगी। – डॉक्टर नीलम जैन, प्रिंसिपल एमआर इंटरनेशनल स्कूल, बिलासपुर।

मां ने सिखाया है कि आप जितने मर्जी ऊंचे शीर्ष पर चले जाएं आप को घमंडी नहीं होना है। याद रखना है कि संघर्ष के बिना जीवन नहीं है। मां ने यह भी कहा की आप जिस पेशे में भी हैं मदद करें। मां की बात पर आज भी कायम हूं। डॉक्टरी पेशे में आकर सेवा को मुख्य उद्देश्य बनाया हुआ है। कोविड का दौर में मां की बात को याद रखा हुआ है। 24 घंटे सातों दिन मरीजों की मदद की जा रही है। – डॉक्टर स्वाति गाबा, एमडी मेडिसन डीएनबी गैस्ट्रो।

मां का नाम आते ही मन में उनकी ममता, करुणा व त्याग का एहसास होने लगता है। वैसे तो उनके प्रति अपना स्नेह जताने के लिए किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं है। लेकिन, कई माताएं ऐसी हैं जो इस कोरोना काल में भी घर के साथ-साथ राज्य व देश के सेवा में जुड़ी हैं। ऐसे में उन्हें स्पेशल फील करवाने और सम्मान व शुभकामनाएं भेजने का अच्छा दिन है। मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं, ये मेरी माँ की ही दुआ है जो हमेशा मेरे साथ रहती है। – आक्षी कंबोज, प्रिंसिपल सेंट लोटस वैली विवेकानंद पब्लिक स्कूल सेक्टर-18.

मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक मां बिना ये दुनियां अधूरी है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना है भी है। – इंदू कपूर, शुगर मिल कालोनी समाजसेविका।

मां ने समझाया बुरा मत सोचो और किसी का बुरा भी नहीं करो। इस थ्योरी पर चलकर मैं संतुष्ट हूं। अपने नज़दीकियों को भी इस बात से अवगत कराया और वह भी अपने जीवन में इस बात पर चलकर संतुष्ट हैं। मां ने हमेशा यही कहा है कि बुरा सोचने से नकारात्मक विचार आएंगे जबकि हमने सकारात्मक जीवन जीना है। – सुरेंद्र कौर, महिला थाना डीएसपी एवं पूर्व कप्तान भारतीय हॉकी टीम।

मां की बदौलत ही आज अच्छे पद पर हूं। सन 1992 में निजी शिक्षा क्षेत्र में कार्य किया और 2002 से सरकारी नौकरी में आ गई। मां ने एक ही बात सिखाई कि शिक्षा हर समस्या का समाधान है। अपने बच्चों का ध्यान रखें, उन्हें पढ़ाई के लिए जरूर बिठाएं और उनके पास बैठने के लिए अपना समय भी निकालें, शिक्षा के बिना मानव का कोई मोल नहीं होता है। – डॉक्टर नमिता कौशिक, डीईओ।

मां ने कभी कोई काम नहीं करवाया। जो भी काम उन्होंने किया तब वो अपने सामने बिठा लेते थे। यही वजह है कि आज उन्हें हर काम आता है। अब यही सीख अपने बच्चों के साथ लेकर चल रही हूं। उन्हें भी हर काम की जानकारी है। यह बात अलग है कि किसी परिवार ने बच्चों से काम करवाना है या नहीं। लेकिन जीवन में आपको छोटे से लेकर बड़ा काम आना चाहिए। इसके साथ संस्कारवान बने रहना है। – निधि जैन, समाजसेविका।

मां ने समझाया जीवन में मुश्किलें आएंगी उन मुश्किलों से घबराना नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करना है। इसी तरह उन्होंने कहा कि हर जगह ईमानदारी का परिचय दो। आप की चाल धीमी हो सकती है लेकिन एक दिन आप कामयाब होंगे। इसी तरह अपने विचार सकारात्मक रखें। जिस किसी धर्म को मानते हैं उसके बताए गए आदर्शों पर चलो। आप कामयाब होंगें। – सदफ, स्टूडेंट।