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Yamunanagar : विश्व श्रवण दिवस पर लगाया शिविर, 85 की हुई जांच

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Yamunanagar : विश्व श्रवण दिवस पर लगाया शिविर, 85 की हुई जांच
Yamunanagar: DC, civil surgeons and doctors present in the camp.

Yamunanagar Hulchul : Camp organized on World Hearing Day, 85 investigated

  • कान है तो जहान है नामक विवरणिका का हुआ विमोचन

Yamunanagar Hulchul. विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय, यमुनानगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उपायुक्त यमुनानगर मुकुल कुमार मुख्यातिथि तथा सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान कान-नाक-गले के चिकित्सक द्वारा चिन्हित जिले के 15 मरीजों को उपायुक्त व सिविल सर्जन द्वारा निशुल्क कान की मशीन प्रदान की गई तथा एक विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर कान है तो जहान है नामक विवरणिका का विमोचन भी किया गया।

बुधवार को मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर में विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर एक कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें 85 व्यक्तियों के कानों की जॉच की गई तथा 20 व्यक्तियों में श्रवण शक्ति का नुकसान पाया गया।

सभी को समाज में सेवा भाव से करनी चाहिए मदद : डी.सी.

उपायुक्त मुकुल कुमार ने जानकारी देते हुये बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में कम सुनने वाले मरीजों को सरकार की तरफ से कान की मशीन प्रदान की जाती है तथा आज विश्व श्रवण दिवस के आवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जीवनदीप संस्थान के सहयोग से 15 लोगों को कान की मशीनें दी गई।

उन्होने इस अवसर पर जीवन दीप संस्थान की भी जनसाधारण की सेवा के लिये सराहना की तथा कहा कि हम सभी को समाज में सेवा भाव से मदद करनी चाहिये तथा अन्य संस्थाओं को भी लोकसेवा में कार्य करना चाहिये। इसके साथ ही उन्होने बताया कि आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा कानों से सम्बंधित एक विवरणिका कि शुरूआत की गई है, जो लागों को जागरूक करने के काम आयेगी।

मां द्वारा बच्चे को दूध हमेशा बैठकर ही पिलाना चाहिये : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने उपस्थित सभी मरीजों व उनके परिजनों तथा अन्य श्रोताओं को बताया कि कान के बहरेपन से बचने के लिये कान की उचित देखभाल बहुत जरूरी है तथा बहरेपन से बचने के लिये हमें क्या-क्या कदम उठाने चाहियें।

उन्होने सभी को बताया कि मां को अपने छोटे बच्चों को अपना दूध पिलाना अति आवश्यक है परन्तु मां द्वारा बच्चे को दूध हमेशा बैठकर ही पिलाना चाहिये व बच्चे के कान में किसी प्रकार की नुकीली चीज लगने या कान में पानी जाने से परहेज करना चाहिये, क्योंकि इससे बच्चे के कानों को नुकसान हो सकता है, जो कि पूर्ण बहरेपन का कारण बन सकता है।

डॉ. विजय दहिया ने बताया कि बहरेपन के 3 स्तर होते हैं तथा बहरेपन के कारणों, मुख्य लक्षणों व उसके ईलाज के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया तथा साथ ही कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले तीन दशकों में हर चार में से एक व्यक्ति की सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है, जो कि चिन्ता का विषय है।

उन्होने बताया कि सुनने की क्षमता कि कई समस्याओं का कारण – संक्रमण, रोग, जन्म दोष, बढते शोर और जीवन शैली हैं। उन्होने बताया कि वर्ष 2019 तक विश्व में कानों से सम्बंधित समस्यों से ग्रस्त लोगों की संख्या 1.9 अरब थी तथा 70 करोड लोग वर्ष 2050 तक गंभीर समस्या से पीडित हो सकते हैं। ऐसे लोगों को तुरन्त ईलाज की जरूरत है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पूनम चौधरी व डॉ. सुनिल कुमार, उप-सिविल सर्जन डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. राजेश परमार, डॉ. विजय परमार, डॉ. विजय विवेक, डॉ. वागीश गुटेन, डॉ. पुनित कालडा, डॉ. चारू कालडा, बोबेश पंजेटा के साथ-साथ अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के साथ-साथ जीवनदीप संस्थान से डॉ. अजय कुमार मिश्रा, डॉ. प्राचि मिश्रा, गुलशन बक्शी, मंजीत सिंह उप्पल व आशा भी उपस्थित रहे।

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