Home Yamunanagar Yamunanagar : कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाए, उपायुक्त पार्थ गुप्ता

Yamunanagar : कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाए, उपायुक्त पार्थ गुप्ता

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Yamunanagar : कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाए, उपायुक्त पार्थ गुप्ता

Yamunanagar Hulchul : उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अपने कार्यालय में एमटीपी एक्ट व पीएनडीटी एक्ट के तहत न्यायलयों में चल रहे मामलों एवं मुकदमों की समीक्षा की और सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि भ्रूण जांच के मामलों पर पूर्ण रोक लगाने के लिए तथा कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए हर तरह से आवश्यक ठोस कदम उठाए जाए ताकि लिंगानुपात संतुलित हो सकें। इस अवसर पर नगराधीश अशोक कुमार, सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया, जिला विकास एंव पंचायत अधिकारी शंकर लाल गोयल,मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी विपुल फलोर, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दलजीत कौर सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कही पर भी भु्रण जांच न होने पाए और भ्रुण जांच तथा कन्या भ्रुण हत्या में लिप्त लोगों को न बक्शा जाए व उनके विरूद्घ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही ठोस ढंग से अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रुण जांच करवाने वाले व गर्भपात करवाने वाले लोगों के विरूद्घ एमटीपी एक्ट व पीएनडीटी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है और भ्रुण जांच करवाने वाले व गर्भपात करवाने वाले लोगों की सूचना देने वाले व्यक्तियों को एक लाख रुपये का ईनाम दिया जाता है तथा उसका नाम भी गुप्त रखा जाता है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि भ्रुण जांच करवाने वाले, कन्या भु्रण हत्या करने वाले या करवाने वाले व गर्भपात करवाने वाले लोगों के साथ-साथ इस घिनौने कार्य में सहयोग करने वाले लोगों की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मोबाइल फोन नम्बर 99966-99375 व 94666-89461 पर दी जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी टीम भावना से समंवय बनाकर कार्य करें व कार्यशाला का आयोजन भी करें।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बैठक में अनीमिया के साथ-साथ कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा भी की। इसके साथ-साथ उन्होंने उड़ान परियोजना के बारे में भी सम्बंधित अधिकारियों से जानकारी ली। बैठक में उपायुक्त महोदय को अवगत करवाया गया कि न्यायलयों में पीएनडीटी एक्ट के तहत 33 मुकदमे एवं मामले तथा एमटीपी एक्ट के तहत 18 मामले एवं मुकदमें चल रहे है।